Not known Factual Statements About Shodashi

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥

प्रणमामि महादेवीं परमानन्दरूपिणीम् ॥८॥

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ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

These gatherings are not just about individual spirituality but will also about reinforcing the communal bonds by means of shared activities.

Out of curiosity why her father did not invite her, Sati went towards the ceremony Though God Shiva here tried out warning her.

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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